Wednesday, September 15, 2010
आरक्षण आन्दोलन की मार मेले पर
गोगामेड़ी मेले के शुक्ल पक्ष के मेले में बुधवार अष्टमी के दिन अपेक्षाकृत श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही। हरियाणा में चल रहे आरक्षण आन्दोलन के कारण अनेक मुख्य मार्ग बंद होने से श्रद्धालु अष्टमी के दिन दोपहर तक गोगामेड़ी नही पहुंच पाए। बुधवार दोपहर बाद मेले में श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हुआ। शुक्ल पक्ष के इस मेले में विशेषकर पंजाब व हरियाणा से भारी संख्या में श्रद्धालु धौक लगाने पहुंचते है। गुरूवार को नवमी के दिन मेले में भारी भीड़ होने की संभावना है। सप्तमी व अष्टमी के दिन मेले में भीड़ न होने से दुकानदारों के चेहरों पर मायूसी देखी गई। एक माह तक चलने वाले इस मेले में देवस्थान विभाग को करीब दो करोड़ रुपये से अधिक आय होने की संभावना है। मेले की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं पर पैनी नजर रखने के लिए मेला मजिस्टे्रट इन्द्रसिंह जाट गोगामेड़ी में डेरा डाले हुये है। इन्द्रसिंह जाट ने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ने हो इसके लिए प्रत्येक विभाग की अलग-अलग जिम्मेदारिया तय कि गई है। श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए हरसंभव प्रयास किये गये है। गुरूवार को नवमी की धौक लगाने के बाद मेले में पूर्णिमा तक रूक-रूककर श्रद्धालुओं के आने का दौर जारी रहेगा। उधर पवित्र गोरक्षटीला पर श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाए पूरी तरह चाक चौबंद है। गोरक्षटीला पर स्थित पवित्र गोगाणा तालाब में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए अलग-अलग घाट बनाये गये है। यह तालाब कितना प्राचीन है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। इस पवित्र तालाब के किनारे गुरू गोरक्षनाथ ने धूणा प्रज्जवलित किया था। गोगामेड़ी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा का प्रारंभ इसी तालाब में स्नान से होता है। उक्त तालाब की मिट्टी का उपयोग श्रद्धालु सर्प दंश व चर्मरोग के उपचार के लिए करते है। गोगामेड़ी मेले में विभिन्न समाजसेवी संस्थाए अपने सेवाए दे रही है। थानाप्रभारी प्रतापमल केडिय़ा ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से मेले में क्लॉज सर्किट कैमरे व भारी पुलिस जाप्ता के अलावा सादी वर्दी में भी पुलिस कर्मी तैनात किये गये है।
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