स्थानीय राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का स्वरूप इन दिनों बदला-बदला सा है। यह बदलाव सिर्फ चिकित्सा सुविधाओं में ही नहीं बल्कि साफ-सुथरा भवन, हरी-भरी घास और महकते फूलों से भरा बगीचा भी लोगों को लुभा रहे हैं। 50 बेड की क्षमता वाले केंद्र में अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इसमें बीपीएल काउंटर, दवा केंद्र और पेंशनधारियों के लिए रियायती दरों पर दवा, एक्स-रे, वातानुकूलित ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम व फोटो थैरेपी यूनिट के अलावा शिशुओं के लिए नर्सरी सेवाएं आदि भी मौजूद हैं।
चिकित्सालय प्रभारी डॉ. वीके मूण्ड ने बताया कि नवनिर्मित ब्लड बैंक से आपातकाल की स्थिति में मरीजों को नि:शुल्क ब्लड दिया जाता है। परिसर में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और एलोपैथी के चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हैं साथ ही महिला रोग विशेषज्ञ की भी नियुक्ति कर दी गई है। तीमारदारों की सुविधा के लिए दो वाटर कूलर तथा मर्दाना-जनाना वार्ड में कूलर और पंखों की व्यवस्था कर दी गई है। जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसव के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं। इस साल अगस्त माह तक करीब 7 हजार आउटडोर और 500 इनडोर मरीजों का इलाज हुआ है।
पेयजल के लिए किए जा रहे इंतजाम : चिकित्सालय प्रभारी ने बताया कि अस्पताल में वाटरकूलर की व्यवस्था तो है पर पानी के लिए कोई माकूल प्रबंध नहीं हैं। रोजाना चार टैंकर पानी खरीदना पड़ता है। पाइप लाइन छोटी होने के कारण पर्याप्त पानी नही आ पाता है। जलदाय विभाग के अधिकारियों को मामले से अवगत कर दिया है। जल्द ही हल निकालने की कोशिश की जाएगी। स्टाफ की कमी को भी दूर किया जा रहा है, जिससे रोगियों को और बेहतर सुविधाएं मिल सके।
Monday, September 20, 2010
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