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Sunday, September 12, 2010

गोगामेड़ी : शुक्ल पक्षीय मेला शुरू, नए श्रद्धालु पहुंचने लगे


उत्तर भारत के प्रसिद्ध गोगामेड़ी के शुक्ल पक्षीय मेले में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। श्रद्धालु जाहरवीर, गोगापीर व गुरू गोरक्षनाथ के जयकारों के साथ झुण्ड के रूप में पहुंच रहे हैं। मेले में रेल गाडियों से आने वालों की संख्या अघिक है। इसका कारण गाडी का किराया बसों की अपेक्षा एक तिहाई होना है। श्रद्धालुओं के धोक लगाने के लिए गोरक्षटीला व गोगाजी मंदिर के बारह लाइनें लगी रहती है। श्रद्धालु सबसे पहले गोरखटीला पहुंचकर गुरू गोरक्षनाथ की आराधना करते हैं।गोरक्षगंगा तालाब में स्नान कर गोगामेडी में पहुंचकर गोगाजी की समाघि पर धोक लगाते है। गोरखटीला में धूणा प्रन्यास ने यात्रियों की सुविधा के लिए विश्राम गृह, पेयजल, छाया, रोशनी आदि का प्रबन्ध कर रखा है। मेला क्षेत्र में इस बार पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था है 14 से 16 सितंबर तक करीब आठ से 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। कृष्ण पक्षीय मेला संपन्न होने के बाद प्रशासन ने शुक्ल पक्षीय मेले की तैयारिया प्रारंभ कर दी। मेला मजिस्टे्रट इंद्रसिंह जाट ने बताया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मेले से विभाग को प्रतिवर्ष डेढ से दो करोड रूपए की आय होती है। इस बार भी अब तक मेले में देवस्थान विभाग को करीब डेढ़ करोड़ रुपए की आय हुई है। दुकानों की नीलामी से अब तक 75 लाख 79 हजार 600 रुपए एवं चढ़ावे के रूप में 58 लाख 23 हजार 869 रुपए की आय हो चुकी है। इसके बाद भी व्यवस्थाओं पर नाममात्र की राशि खर्च की जाती है। गत वर्ष भी विभाग को मेले में करीब दो करोड़ रुपए की आय हुई थी। आय के बावजूद मेला स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए बाथरूम व शौचालय की व्यवस्था नहीं है। शुक्ल पक्ष के मेले में राजस्थान के अलावा पंजाब व हरियाणा के श्रद्धालु धोक लगाने पहुंचते हैं

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